तुम जो ठहरीं मां मेरी भारती मां मेरी भारती। तुम जो ठहरीं मां मेरी भारती मां मेरी भारती।
जिसे सबसे ज्यादा संवारा अगर वहीं हमसे किनारा कर ले तो उस दर्द-ए-गम को क्या कहे...? जिसे सबसे ज्यादा संवारा अगर वहीं हमसे किनारा कर ले तो उस दर्द-ए-गम को क्या कहे.....
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...
घाव तो शारीरिक यातना के , लेते कुछ समय मगर भर जाते हैं, पर घाव तो व्यंग्य-विचारोंं क घाव तो शारीरिक यातना के , लेते कुछ समय मगर भर जाते हैं, पर घाव तो व्यंग्य-वि...